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ISRO के पूर्व चीफ डॉ के कस्तूरीरंगन का हुआ निधन, अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा जाएगा पार्थिव शरीर, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Friday, April 25, 2025

मुंबई, 25 अप्रैल, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के पूर्व चीफ डॉ के कस्तूरीरंगन का निधन हो गया। वे 84 साल के थे। अधिकारियों ने बताया कि कस्तूरीरंगन ने बेंगलुरु में अपने घर पर अंतिम सांस ली। 27 अप्रैल को उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट में रखा जाएगा। कस्तूरीरंगन को दो साल पहले दिल का दौरा पड़ा था। उसके बाद से वे बीमार चल रहे थे। कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में ISRO ने चंद्रयान जैसे बड़े मिशनों की योजना बनानी शुरू की थी। वे न्यू एजुकेशन पॉलिसी की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष भी थे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कस्तूरीरंगन के निधन पर दुख जताया। सोशल मीडिया साइट X पर उन्होंने लिखा- मैं भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा में एक महान हस्ती डॉ के कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूं। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और देश के लिए निस्वार्थ योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने इसरो में बहुत लगन से काम किया और भारत के स्पेस प्रोग्राम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी लीडरशिप में कई अहम सैटेलाइट लॉन्च हुए। उनका फोकस हमेशा इनोवेशन पर रहा। भारत नई शिक्षा नीति (NEP) के लिए हमेशा डॉ कस्तूरीरंगन का आभारी रहेगा। वे कई यंग साइंटिस्ट्स और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए गाइड थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, स्टूडेंट्स, साइंटिस्ट्स और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं।

आपको बता दें, कस्तूरीरंगन ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के चांसलर और कर्नाटक नॉलेज कमीशन के अध्यक्ष के रूप में काम किया था। वे 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सदस्य थे। UPA सरकार के दौरान कस्तूरीरंगन ने योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया। कस्तूरीरंगन अप्रैल 2004 से 2009 तक बेंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के डायरेक्टर भी थे। वे केंद्र की कई कमेटियों का नेतृत्व किया या उनमें शामिल रहे। उन्होंने उच्च शिक्षा, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण सहित कई मुद्दों पर सरकार को सलाह दी। 1994 में इसरो चीफ बनने से पहले वे इसरो के सैटेलाइट सेंटर के डायरेक्टर थे। यहाँ उन्होंने नई जेनरेशन के स्पेसक्राफ्ट, इंडियन नेशनल सैटेलाइट (इनसैट-2) और देश के पहले रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट IRS-1A और IRS-1B के डिजाइन, डेवलपमेंट और लॉन्चिंग पर काम किया। इसके अलावा भारत के पहले दो एक्सपेरिमेंटल अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट भास्कर-1 और भास्कर-2 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रहे।


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