ताजा खबर
IIM अहमदाबाद में नया MBA प्रोग्राम: AI और बिज़नेस एनालिटिक्स में दो साल का कोर्स   ||    एयर इंडिया पायलट सुमित सबरवाल हादसा: पिता की न्यायिक जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने बोझ न लेने की सल...   ||    'नेहरू ने जानबूझकर मां दुर्गा के श्लोक हटाये', वंदे मातरम को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना   ||    लूव्र म्यूजियम के सर्विलांस सिस्टम का पासवर्ड निकला इतना कमजोर, 850 करोड़ की चोरी में खुलासा   ||    भारत-पाक के बीच सीजफायर पर ट्रंप का नया दावा, मारे गिराए गए विमानों पर क्या कहा?   ||    गर्लफ्रेंड से करनी थी शादी, बनाया मास्टरप्लान, पत्नी का ही बना लिया अश्लील वीडियो… बोला- 10 लाख दे त...   ||    बिहार चुनाव 2025: रिकॉर्ड वोटिंग का धमाका, नीतीश की सत्ता हिलेगी या तेजस्वी का खेल बिगड़ेगा?   ||    काम के प्रेशर से परेशान नर्स ने किया दिल दहलाने वाला काम, 10 मरीजों को सुलाया मौत की नींद   ||    व्हाइट हाउस में मची अफरा-तफरी, ट्रंप के ठीक पीछे खड़ा व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिरा; जानें फिर क्या ...   ||    ‘पायलटों को दोषी नहीं ठहरा सकते…’, अहमदाबाद प्लेन क्रैश में पुन: जांच के लिए SC ने केंद्र-DGCA को दि...   ||   

जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की दुकानों पर चलाया गया बुलडोजर, जानिए पूरा मामला

Photo Source :

Posted On:Friday, November 22, 2024

मुंबई, 22 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया। जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) ने जम्मू शहर में मुठी कैंप के पास स्थित कश्मीरी पंडितों की दर्जन भर दुकानों को ढहा दिया। ये दुकानें लगभग तीन दशक पहले विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने बनाई थीं। लोगों का कहना है कि दुकानों को बिना नोटिस दिए ढहा दिया गया। हम 90 के दशक में वापस आ गए हैं। लोग पिछले तीन दिन से विरोध कर रहे हैं। वह JDA के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। JDA का कहना है कि दुकानें उनकी जमीन पर बनी थीं। आयुक्त अरविंद करवानी ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके लिए नई दुकानें बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि JDA ने मुठी कैंप फेज-2 में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए टेंडर जारी किया है। जल्द ही दुकानें बनाकर प्रभावितों को दी जाएंगी।

दुकान के मालिक अशोक रैना ने कहा, बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के आधे घंटे के अंदर दुकान तोड़ दिया गया। हमें बताया गया कि हमारा पुनर्वास किया जाएगा लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी हमारी दुर्दशा देखने नहीं आया। हम सड़क पर थे और ऐसा लगा कि फिर 90 के दशक में वापस आ गये। उन्होंने कहा कि 30 सालों से मेरी दुकान यही थी। जिस दिन कैंप बना, उसी दिन मैने अपनी दुकान खोली। तब के कमिश्नर ने भी हमारा साथ दिया। दुकान से मेरा घर चलता था। मेरे बच्चे उसी पैसे से पढे़ हैं। लेकिन अब मेरे पास कोई कमाई नहीं है। अशोक कहते है, जब मैं यहा आया, तब युवा था। अब मैं बूढ़ा हो गया हूं। मैं क्या करूंगा?

प्रवासी राहत एवं पुनर्वास आयुक्त अरविंद करवानी ने कहा, दुकानें जेडीए की जमीन पर बनी थीं। जिसे जेडीए ने उन्हें ध्वस्त कर दिया। हमारे पास ज्यादा जानकारी नहीं है क्योंकि जेडीए एक अलग एजेंसी है। उन्होंने कहा कि हमने मुथी फेज-2 प्रवासी शिविर के लिए पहले ही टेंडर जारी कर दिया है। जल्द ही दस दुकानें बनाकर इन दुकानदारों को आवंटित कर दी जाएंगी। 1990 के दशक से जिनकी दुकानें हैं, उन्हें प्राथमिकता समेत सभी पात्र लोगों को दुकानें दी जाएंगी। साथ ही, मुथी माइग्रेंट कैंप के अध्यक्ष अनिल भान ने कहा, हम पिछले 3 सालों से इसके लिए लड़ रहे हैं। इस पर रोक लगी हुई थी। नई दुकान बनने तक जेडीए को पुरानी दुकानों को तोड़ने से मना किया गया था। यहां ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के निर्माण को मंजूरी दी गई है, लेकिन 6 महीने बाद काम शुरू होगा। राहत आयोग ने वादा किया है कि नई दुकानें बनाई जाएंगी, लेकिन राज्य सरकार से कोई अधिकारी यहां नहीं आया।


अहमदाबाद और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. ahmedabadvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.